संस्कृति से संस्कार मजबूत करने का अभियान
दैनिक जागरण का अभियान संस्कारशाला छात्रों के बीच अच्छाई की समझ विकसित करने का एक अनूठा अभियान है। पिछले दस सालों से हर वर्ष इस अभियान का आरंभ शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर होता रहा है। शिक्षक दिवस से शुरू होकर यह अभियान बाल दिवस यानि 14 नवंबर तक चलता है। इस वर्ष संस्कारशाला भारतीय संस्कृति पर आधारित होगी। रामचरित मानस में दी गई सीख पर आधारित कहानियां इस वर्ष संस्कारशाला की विशेषता रहेगी। अगले नौ सप्ताह तक दैनिक जागरण के समस्त संस्करण में हर सप्ताह एक कहानी का प्रकाशन किया जाएगा। इन कहानियों में छात्रों को अपनी संस्कृति को समझने में मदद मिलेगी। पौराणिक चरित्रों की स्वभावगत विशेषताओं को आधार बनाकर छात्रों को उन गुणों को अपनाने का संदेश दिया जाएगा। छात्रों के व्यक्तित्व विकास पर इस वर्ष के अभियान में ज्यादा जोर होगा। कोरोना की महामारी की वजह से अभी देशभर के स्कूल बंद हैं लिहाजा इस वर्ष संस्कारशाला की संरचना और इसके प्रारूप में बदलाव किया गया है। पहले विषयों को तय करने के लिए देशभर के प्राचार्यों की बैठक होती थी जो इस बार कोरोना महामारी की वजह से संभव नहीं हो पाई। विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर कहानियों के टॉपिक तय किए गए।
दैनिक जागरण में कहानी के प्रकाशन के अलावा छात्रों तक इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से पहुंचने की योजना बनाई गई है। इस माध्यम से स्कूल के छात्रों के साथ दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानियों और उसके संदेशों पर विशेषज्ञों के साथ बातचीत का आयोजन भी होगा। पिछले नौ सालों में देशभर के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने दैनिक जागरण संस्कारशाला की सराहना की है और इस अभियान को काफी पसंद किया है। पिछले साल संस्कारशाला में दस लाख से ज्यादा छात्रों की भागीदारी रही थी।